इस समय भारतीय क्रिकेट टीम में किसी खिलाड़ी की बात हो रही है तो वह हैं ऋषभ पंत की। पंत की बात इसलिए हो रही है क्योंकि वह टीम में लगातार सेलेक्टर्स द्वारा बैक किये जा रहे हैं। वेस्टइंडीज के खिलाफ होने वाली वनडे और T-20 सीरीज में भी उन्हें मौका दिया गया है। पंत टीम में एक विकेटकीपर और बैट्समैन की हैसियत से खेलेंगे। उनके टीम में सेलेक्शन से कई फैंस हैरान और गुस्सा हुए क्योंकि वह हाल ही में बीती सीरीज में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए थे।
गौरतलब है कि ऋषभ पंत (Rishabh Pant) को महेंद्र सिंह धोनी का उत्तराधिकारी कहा जाता रहा है, पंत हालांकि बल्लेबाज़ तो अच्छे है लेकिन विकेटकीपिंग में धोनी से मात खा जाते हैं। लोग पंत की कीपिंग को धोनी से तुलना करते हैं। यही तुलना पंत को दबाव में डाल देती है और वह अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते है। लेकिन उन्हें सेलेक्टर्स का पूरा सपोर्ट है। चीफ सेलेक्टर MSK प्रसाद ने कहा है कि पंत को टाइम चाहिए वह आगे सीख जायेंगे।
सोशल मीडिया पर फैंस ने निकाली भड़ास :
वहीं MSK प्रसाद का पंत को इस तरह से कई बार मौके देना क्रिकेट फैंस को अच्छा नहीं लग रहा है। लोग पंत की जगह संजू सैमसन और ईशान किशन को टीम में लाने की बात कर रहें हैं। जब संजू सैमसन को बांग्लादेश के खिलाफ बिना खिलाये ही टीम से बाहर कर दिया गया और पंत को ख़राब प्रदर्शन के बावजूद भी टीम में चुना गया तो फैंस ने प्रसाद के खिलाफ सोशल मीडिया पर खूब भड़ास निकाली थी।
हालांकि अब शिखर धवन के चोटिल होने के कारण संजू सैमसन को टीम में शामिल कर लिया गया है। आइये आज हम जानते हैं कि टीम मैनेजमेंट ऋषभ पंत पर इतना क्यों विश्वास दिखा रहा है, आखिर क्या कारण है कि उन्हें मौके पे मौके दिए जा रहें है?
1- महेंद्र सिंह धोनी के उत्तराधिकारी
जब से ऋषभ पंत ने इंटरनेशनल क्रिकेट खेलना शुरू किया तब से उन्हें धोनी का रिप्लेसमेंट माना जाने लगा। यह कारण है टीम मैनेजमेंट एक खिलाड़ी पर फोकस करके उसे निखारना चाहती है। जैसा कि सभी जानते हैं कि पंत आक्रामक बल्लेबाज़ी करते है अगर नंबर 5 या 6 पर आकर कुछ धमाकेदार पारियां खेल जाते है तो वह धोनी की तरह फिनिशर की भी भूमिका निभा सकते हैं।
हालांकि अगर देखा जाए तो पंत धोनी के उत्तराधिकारी होने का दबाव झेल नहीं पा रहें हैं। इसके चलते वह अपना शत प्रतिशत प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं। पंत जब धोनी के साथ खेल रहे थे तब वह खुलकर खेलते थे उन पर कोई दबाव नहीं रहता था लेकिन धोनी की अनुपस्थिति में वह उस दबाव को झेल नहीं पा रहें हैं।
अगर वैसे देखा जाए तो धोनी के रिप्लेसमेंट में पंत सबसे बढ़िया विकल्प है इसलिए टीम प्रबंधन उन्हें मौके पे मौके दिए जा रहा है। हालांकि संजू सैमसन और ईशान किशन भी घरेलु टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन कर रहे है। टेस्ट विकेटकीपर रिद्धिमान साहा की बात की जाए तो वे सीमित ओवर क्रिकेट में फिट नहीं बैठते है क्योंकि उनकी बल्लेबाजी पंत की तरह धाकड़ नहीं है। यही एक कारण है सेलेक्टर्स पंत पर इतना विश्वास दिखा रहे हैं।
2- घरेलू टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन
अगर पंत की बात की जाए तो वह ईशान किशन और सैमसन के मुकाबले घरेलु क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करते आये हैं। चाहे आईपीएल हो या इंडिया A की तरफ से खेलना हो, पंत ने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है। इसके अलावा पंत का घरेलू रिकॉर्ड भी काफी अच्छा रहा है। पंत इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में शतक भी लगा चुके है। पूरा देश उनका टैलेंट देख चुका है।
3- टीम मैनेजमेंट के चहेते
ऋषभ पंत भारतीय टीम मैनेजमेंट द्वारा अच्छे-खासे पसंद किये जाते हैं। चाहे कप्तान हो या उपकप्तान सभी उनकी तरफ बोलते है। पंत कोहली के काफी करीबी माने जाते है। रोहित शर्मा भी पंत का बचाव करते दिखते हैं। कोच रवि शास्त्री भी पंत को अच्छा खिलाड़ी मानते हैं। सौरभ गांगुली को भी ऋषभ पंत के फेवर में कई बार बोलते देखा गया है।
वहीं चीफ सेलेक्टर MSK प्रसाद ने विश्व कप के बाद साफ़ कर दिया था कि धोनी के बाद ऋषभ पंत उनके स्थान पर पहली पसंद है। पंत को मौके देकर आगे के क्रिकेट के लिए तैयार किया जायेगा। टीम मैनेजमेंट मानता है कि ऋषभ पंत अपनी असफलता से ग्रो कर रहें है और एक दिन ऐसा आयेगा जब टीम को इसका रिजल्ट मिलेगा।
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