भारत और श्रीलंका के बीच चल रहे पहले टेस्ट मैच में भारतीय बल्लेबाजों ने शानदार खेल दिखाते हुए पहली पारी में 574 रन जोड़े। इसके बाद टीम इंडिया ने पारी घोषित कर दी। टीम इंडिया ने सब पारी घोषित करने का फैसला लिया तो भारतीय ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा 175 रन बनाकर क्रीज पर डटे हुए थे। जडेजा अपने पहले दोहरे शतक से केवल 25 रन दूर थे। लेकिन पारी घोषित होने किए जाने की वजह से उनका दोहरा शतक पूरा नहीं हो पाया।
भारतीय फैंस पूरी उम्मीद थी कि रविंद्र जडेजा दोहरा शतक लगाएंगे। और इसी उम्मीद के चलते वे टीवी से चिपके हुए थे लेकिन कप्तान रोहित शर्मा द्वारा ऐन मौके पर पारी घोषित किए जाने पर फैंस की इस उम्मीद पर पानी फिर गया। सोशल मीडिया पर रोहित शर्मा के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और रोहित के इस फैसले की जमकर आलोचना की गई। लोगों का कहना है कि रविंद्र जडेजा के दोहरे शतक बनने तक पारी घोषित नहीं की जानी चाहिए थी।
जडेजा ने बताई पारी घोषित करने की वजह
लोगों ने रोहित शर्मा की तुलना मौजूदा कोच राहुल द्रविड़ से की। राहुल द्रविड़ ने भी 29 मार्च 2004 को पाकिस्तान के खिलाफ मुल्तान टेस्ट में कुछ ऐसा ही किया था। जब सचिन तेंदुलकर 194 रन बनाकर नाबाद थे और दोहरे शतक से केवल से मात्र 6 रन दूर थे तब द्रविड़ ने पारी घोषित कर दी थी। लेकिन रोहित शर्मा द्वारा पारी घोषित किए जाने के फैसले से रविन्द्र जडेजा निराश नहीं हैं जडेजा ने खुद इस बात का खुलासा किया कि क्यों रोहित ने उस समय पारी घोषित की थी।
रविन्द्र जडेजा ने कहा, “टीम मैनेजमेंट को मैंने पारी घोषित करने के लिए कहा था, क्योंकि उस समय श्रीलंकाई खिलाड़ी थके हुए थे। इसका फायदा हम उठा सकते थे। हमारे पास उन्हें आउट करने का बेहतरीन मौका था।” जडेजा का यह अनुमान सटीक बैठा। श्रीलंकाई खिलाड़ी पहली पारी में असहज दिखे। उन्होंने अपने चार विकेट 108 रन पर गंवा दिए। जडेजा भले ही दोहरा शतक ना बना पाए हों लेकिन अपनी 175 रन की नाबाद पारी से लोगों का दिल जीत लिया।
जडेजा ने बल्लेबाजी के बाद गेंदबाजी में भी शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने श्रीलंकाई कप्तान दिमुथ करूणारत्ने को आउट करके पवेलियन भेजा। जडेजा ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान अपना शतक अपने साले को समर्पित किया। उन्होंने कहा, “मैं अपना शतक अपने साले को समर्पित कर रहा हूं। उन्होंने कई बार मुझसे कहा है कि अगर मैं अगली बार शतकीय पारी खेलता हूं तो मुझे अपना शतक उन्हें समर्पित करना चाहिए।”