अगर चार धाम यात्रा की बात की जाती है तो उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में हिमालय पर्वत की गोद में बसे केदारनाथ (Kedarnath) का नाम सबसे पहले आता है। जो की भगवान भोलेनाथ के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यहाँ हर साल भगवान शिव जी के दर्शन के लिए लाखों श्रद्धालु आते है। मान्यता के अनुसार माना जाता है की शिव जी के दर्शन करने से मोक्ष प्राप्त होता है। आपको जीवन में कम से कम एक बार तो केदारनाथ जरूर जाना चाहिए। आइये हम आपको केदारनाथ से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों के बारे में बताते है जिनके बारे में शायद आप नहीं जानते होंगे।
भगवान शिव जी के भक्त केदारनाथ में विशेष रूप से भू-शिवलिंग की पूजा करते है। भू-शिवलिंग का मतलब होता है जो खुद धरती से प्रकट हुआ हो। माना जाता है की इस मंदिर का निर्माण महाभारत के समय में पांडवों द्वारा कराया गया था। इसी उपरांत शिव जी ने उन्हें बैल के रूप में अपने दर्शन दिए थे।
1. हिमालय पर्वत की गोद में बसे होने के कारण केदारनाथ (Kedarnath temple) के कपाट हर साल 6 महीने के लिए बंद कर दिए जाते है, क्योंकि पहाड़ों पर ठंडे मौसम में बर्फ गिरना शुरू हो जाती है और मौसम खराब रहता है।
2. केदारनाथ मंदिर की सबसे महत्वपूर्ण बात यह है की जब केदारनाथ के कपाट 6 महीने के लिए बंद किये जाते है तब केदारनाथ मंदिर के परिसर में एक दीपक जला दिया जाता है। आश्चर्यजनक बात यह है की जब 6 महीने के बाद केदारनाथ के कपाट खोले जाते है तो वह दीपक वैसा ही जलता हुआ दिखाई देता है।
यहां आने से होती है हर मुराद पूरी :
3. मान्यता के अनुसार केदारनाथ जाकर शिव जी के दर्शन करने से व्यक्ति को स्वर्ग प्राप्त होता है और दर्शन करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। यहां आकर शिवलिंग की पूजा-अर्चना करने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।
4. बतां दें की केदारनाथ मंदिर महज एक जगह नहीं बल्कि पांच अलग-अलग मंदिरों का समूह है। इन सभी जगह भगवान शंकर के विभिन्न अंग गिरे थे। इसलिए इसे पंच केदारनाथ नाम से भी जाना जाता है। जो व्यक्ति केदारनाथ यात्रा करता है उनके पूर्वजों को भी मुक्ति मिल जाती है।
कण-कण में विराजमान हैं भगवान शिव :
5. कहा जाता है की जो भी भक्त भोलेनाथ के दर्शन के लिए केदारनाथ जाते है अगर वे बद्रीनाथ नहीं जाते है तो उनकी यात्रा अधूरी मानी जाती है और उन्हें अपनी तीर्थ यात्रा का पूरा फल नहीं मिलता है। बद्रीनाथ और केदारनाथ दोनों ही उत्तराखंड के प्रमुख तीर्थ स्थल है।
6. केदारनाथ मंदिर में पुजारियों द्वारा शिव के पांच मुख वाली प्रतिमा की पूजा की जाती है। यह पूजा 7 बजे से शुरू होकर 8:30 तक चलती है।
7. प्राचीन मान्यता की अनुसार एक बार एक भक्त शिव जी के दर्शन करने के लिए बड़ी मुश्किल से केदारनाथ आया था लेकिन उस समय नियम के मुताबिक मंदिर के कपाट 6 महीने के लिए बंद किये जा रहे थे। मंदिर के पंडित ने उसे दोबारा आने को कहा, लेकिन भक्त दर्शन की जिद करने लगा और वहां से जाने से मना कर दिया और भूखा प्यासा वहीं बैठा रहा। इसी बीच भक्त को नींद आ गयी और मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए।
वह 6 महीने तक लगातार सोता रहा। कहा जाता है की जब वह भक्त सो रहा था. तब उसे एक वैरागी ने दर्शन दिए। जब वह सोकर उठा तो उसने देखा की मंदिर को खोला जा रहा है। मंदिर को खोलने वाले पंडित ने उस भक्त को देखते ही पहचान लिया और लोगो को बहुत आश्चर्य हुआ।
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