Home खेल जगत “धोनी और कोहली को पूजना बंद करो” गौतम गंभीर की भारतीय क्रिकेट फैंस को सीधी सलाह

“धोनी और कोहली को पूजना बंद करो” गौतम गंभीर की भारतीय क्रिकेट फैंस को सीधी सलाह

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“धोनी और कोहली को पूजना बंद करो” गौतम गंभीर की भारतीय क्रिकेट फैंस को सीधी सलाह

भारत के पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी गौतम गंभीर अपने किसी न किसी बयान को लेकर हमेशा चर्चा में बने रहते हैं एक बार फिर गंभीर के कुछ ऐसा बयान दिया है जिसकी खूब चर्चा हो रही है. गौतम गंभीर ने भारतीय क्रिकेट में हीरो कल्चर को लेकर उसपर सवाल खड़े किए हैं. इससे पहले भी गंभीर कई बार इस मुद्दे पर बोल चुके हैं

गौतम गंभीरका कहना है कि भारतीय क्रिकेट फैन्स को हीरो की पूजा करना बंद करना चाहिए, क्यूंकि ऐसा करना क्रिकेट के लिए अच्छा नहीं होगा. एक इंटरव्यू में गौतम गंभीर ने कहा कि ड्रेसिंग रूम में कोई मॉन्स्टर तैयार ना करें, सिर्फ भारतीय क्रिकेट को ही असली मॉन्स्टर रहने दें. आगे उन्होंने कहा कि जब आप किसी को पूजना शुरू कर देते हैं, तो उनके साथ के कई खिलाड़ी वहीं पर खत्म हो जाते हैं और उनको आगे बढ़ने का मौका नहीं मिल पाता.

Dhoni VIrat Kohli

गौतम गंभीर ने पूर्व भारतीय खिलाड़ी महेंद्र सिंह धोनी का नाम लेते हुए कहा कि पहले धोनी थे और अब विराट कोहली हैं. गौतम ने कहा कि जब विराट कोहली ने एशिया कप में अफगानिस्तान के खिलाफ टी-20 मैच में शतक लगाया तो लोग भुवनेश्वर कुमार के शानदार स्पेल को भूल गये. तब किसी ने भी उसकी बात नहीं की. बता दें की भुवनेश्वर कुमार ने अफगानिस्तान के खिलाफ चार ओवर में सिर्फ चार रन देकर पांच विकेट लिए थे. लेकिन उनका यह प्रदर्शन कोहली के शतक के नीचे दब गया.

गौतम गंभीर ने कहा कि कमेंट्री में सिर्फ मैंने अकेले ने भुवनेश्वर कुमार की दमदार गेंदबाज़ी का जिक्र किया और बताया कि चार ओवर में चार रन देकर 5 विकेट लेना आसान काम नहीं है. भारत में क्रिकेट खिलाड़ियों को हीरो की पूजा करना बंद करना होगा, आपको सिर्फ भारतीय क्रिकेट को ही बड़ा मानना होगा. जब सवाल हुआ कि यह कल्चर कैसे शुरू हुआ, तब गौतम गंभीर ने सोशल मीडिया को दोषी ठहराया.

Gautam Gambhir

उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया से ये चीज़ें शुरू होती हैं, जहां सबसे फेक फैन्स मौजूद हैं. यहां सिर्फ इसी आधार पर आपको जज किया जाता है कि आपके फॉलोवर्स की संख्या कितनी है. गौतम बोले कि 1983 में जब भारत ने वर्ल्डकप जीता, तब कपिल देव के साथ ऐसा हुआ. उसके बाद 2007, 2011 वर्ल्डकप में भी ऐसा ही हुआ और कप्तान को ही सबकुछ मान लिया गया. 2011 वर्ल्डकप के लिए भी बार-बार महेंद्र सिंह धोनी की फाइनल में खेली गई पारी को क्रेडिट मिलने पर भी गौतम गंभीर ने कई बार आपत्ति जताई है और कहा है कि वर्ल्ड कप जिताने में पूरी टीम का योगदान था.

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