कल खेले गए भारत और नामीबिया के मैच में भारत ने नामीबिया को 9 विकेट से हराया। इसी के साथ भारत का वर्ल्ड कप सफर पूरा हो गया। इस मैच में भारतीय क्रिकेट टीम एक काली पट्टी पहने दिखाई दी। कई लोगों को नहीं पता कि भारतीय खिलाड़ियों ने यह काली पट्टी क्यों और किसलिए पहनी थी। अगर आप भी उन्हीं में से एक हैं तो आइए आपको बताते हैं कि इसके पीछे क्या कारण है।
दरअसल, भारतीय खिलाड़ियों ने यह काली पट्टी प्रसिद्ध कोच तारक सिन्हा (Tarak Sinha) के सम्मान में पहनी थी। ऋषभ पंत, शिखर धवन और आशीष नेहरा जैसे दिग्गज खिलाड़ी को क्रिकेट के गुण सिखाने वाले कोच तारक सिन्हा का पिछले सप्ताह निधन हो गया। बीसीसीआई (BCCI) ने एक बताया कि भारतीय क्रिकेट टीम ने प्रसिद्ध कोच तारक सिन्हा को श्रद्धांजलि देने के लिए आज काली पट्टी पहन रखी है, जिनका शनिवार को दुखद निधन हो गया।
गलती करने पर मार देते थे तमाचा
तारक सिन्हा को द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्होंने बहुत से खिलाड़ियों को कोचिंग दी थी। जिसमें कई तो भारत के लिए खेले हैं और अब भी खेल रहे हैं। मशहूर कोच ने 71 वर्ष की आयु में अपनी अंतिम सांस ली। सिन्हा व्यवसायी या कॉरपोरेट क्रिकेट कोच नहीं थे बल्कि वह ऐसे उस्ताद जी थे जो गलती होने पर छात्र को तमाचा मारने में भी नहीं हिचकिचाते थे।
क्रिकेटर ऋषभ पंत ने भी अपने कोच के निधन पर दुख जताया। उन्होंने ट्वीट के जरिए कहा, ”मेरे गुरु, कोच, प्रेरक, मेरे सबसे बड़े आलोचक और मेरे सबसे बड़े प्रशंसक। आपने अपने बेटे की तरह मेरा ख्याल रखा, मैं इस खबर से टूट गया हूं। जब भी मैं मैदान पर उतरूंगा तो आप हमेशा मेरे साथ रहेंगे। मेरी हार्दिक संवेदना और प्रार्थना। आपकी आत्मा को शांति मिले तारक सर।”
My mentor, coach, motivator, my biggest critic and my greatest fan. You took care of me like your son, I am devastated.💔 You will always be with me whenever I walk out onto the field. My heartfelt condolences & prayers. May your soul rest in peace, Tarak sir. 🕊️🙏 pic.twitter.com/kLE7qlKMXK
— Rishabh Pant (@RishabhPant17) November 6, 2021
पिता जैसा सम्मान देते थे बड़े क्रिकेटर
भारतीय क्रिकेट को कई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर देने वाले तारक सिन्हा दो महीने से कैंसर से लड़ रहे थे। उन्होंने विवाह भी नहीं करवाया था। बहुत से बड़े क्रिकेटर उनको पिता की तरह सम्मान देते थे। उन्होंने प्रतिभाशाली क्रिकेटरों को तलाशने वाले सोनेट क्लब की स्थापना की थी। उनके शुरूआती छात्रों में दिल्ली क्रिकेट के दिग्गज सुरिंदर खन्ना, मनोज प्रभाकर, दिवंगत रमन लांबा, अजय शर्मा, अतुल वासन, संजीव शर्मा शामिल थे। घरेलू क्रिकेट के धुरंधरों में के.पी. भास्कर उनके शिष्य रहे। 90 के दशक के उत्तरार्द्ध में उन्होंने आकाश चोपड़ा, अंजुम चोपड़ा, रूमेली धर, आशीष नेहरा, शिखर धवन और ऋषभ पंत जैसे क्रिकेटर दिए।
Ustaad Ji is no more. Dronacharya Awardee. Coach to over a dozen India Test cricketers. And scores of first-class cricketers. Both men and women. Without any institutional help. Your service to Indian cricket will be remembered, sir. May your soul R.I.P.
Om Shanti 🙌🙏 pic.twitter.com/fDmvdJC8vZ— Aakash Chopra (@cricketaakash) November 6, 2021
तारक सिन्हा के निधन पर आकाश चोपड़ा ने भी दुख जाहिर करते हुए कहा कि ‘उस्ताद जी नहीं रहे। द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता। एक दर्जन से अधिक भारतीय टेस्ट क्रिकेटरों के कोच और प्रथम श्रेणी में 100 से अधिक क्रिकेटरों के कोच। बिना किसी संस्थागत मदद के कोच रहे। भारतीय क्रिकेट के लिए आपकी सेवा को याद किया जाएगा सर।’