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रुद्राक्ष धारण करने से खुल जाएंगे आपकी किस्मत के दरवाजे, जानिए रुद्राक्ष का महत्व और इसके लाभ

रुद्राक्ष के बारे में तो आप जानते ही होंगे, अगर नहीं जानते है तो आपको बता दें की रुद्राक्ष को भगवान शिव आभूषण के रूप में पहनते हैं। इस के बिना महादेव का श्रृंगार अधूरा माना जाता है मान्यता है कि रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के नेत्रों से निकले जलबिंदुओं से हुई है। अनेक धर्म ग्रंथों में रुद्राक्ष के महत्व को प्रकट किया गया है रुद्राक्ष को अधिकतर गले में पहना जाता है और रुद्राक्ष धारण करने से कई प्रकार के लाभ होते है, रुद्राक्ष हमारे जीवन में सभी तरह की सुख-समृधि लाता है पर इसे धारण करने के नियम भी कठोर है अगर उन नियमों को अपनाया ना जाए तो कई बार ये रुद्राक्ष आपके नुकसान का कारण भी बन सकता है। आइए आपको बताते हैं रुद्राक्ष का महत्व और इस से होने वाले लाभों के बारे में benefits of wearing rudraksha

भारतीय संस्कृति में रुद्राक्ष का महत्त्व :

भारतीय संस्कृति में रुद्राक्ष का बहुत महत्व है। रुद्राक्ष का स्पर्श, दर्शन तथा रूद्राक्ष माला को धारण करने से समस्त पापों का नाश होता है परन्तु धारण की उचित विधि और भावना शुद्ध होनी चाहिए। भोग और मोक्ष की इच्छा रखने वाले लोगों को रुद्राक्ष जरुर धारण करना चाहिए। यह समस्त अरिष्टो का नाश करने वाला होता है। इस से सुख और सौभाग्य की वृद्धि होती है। इस की खासियत यह है कि इसमें एक अनोखे तरह का स्पदंन होता है जो आपके लिए आप की ऊर्जा का एक सुरक्षा कवच बना देता है, जिससे बाहरी ऊर्जाएं आपको परेशान नहीं कर पातीं रुद्राक्ष नकारात्मक ऊर्जा के बचने के एक असरदार कवच की तरह काम करता है। इसके अलावा सात मुखी रुद्राक्ष धारण करने से महालक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होती है।

रुद्राक्ष धारण करने से होते है ये लाभ :

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रुद्राक्ष मानव जाति को भगवान के द्वारा एक अमूल्य देन है और इस से होने वाले लाभ भी कम नहीं है। इसे धारण करना भगवान षिव के दिव्य ज्ञान को प्राप्त करने का साधन है। यह इंसान को हर तरह की हानिकारक ऊर्जा से बचाता है। रुद्राक्ष की माला द्वारा मंत्र उच्चारण करने से फल प्राप्ति की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। रुद्राक्ष का उपयोग करने से व्यक्ति भगवान शिव के आशीर्वाद को पाता है और व्यक्ति को दिव्य-ज्ञान की अनुभूति होती है। रुद्राक्ष धारण करने से कई शारीरिक समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है। वैज्ञानिक परिक्षण में साबित हुआ है कि रुद्राक्ष हृदय रोग में बहुत लाभदायक होता है इससे उच्च रक्तचाप भी नियंत्रित होता है। मंत्र-विधान के साथ पहना हुआ रुद्राक्ष शोक, रोग, चोट, बाहरी प्रभाव, विष प्रहार, असौन्दर्य, बांझपन, नपुंसकता आदि रोगों को खत्म करता है।

जानिए रुद्राक्ष धारण करने के नियम :

जानकारी के लिए बता दे की रुद्राक्ष को धारण करने के कुछ नियम भी हैं जैसे रूद्राक्ष को हमेशा सोमवार के दिन प्रात:काल शिव मन्दिर में बैठकर गंगाजल या कच्चे दूध में धो कर अथवा सोने या चांदी के तार में पिरो कर धारण किया जा सकता है रुद्राक्ष धारण करने पर व्यक्ति को झूठ बोलने की आदत को छोड़ देना चाहिए वरना भगवान शिव रूष्ट हो सकते हैं रुद्राक्ष धारण करने के बाद सुबह-शाम भगवान शंकर का पूजन और ॐ नम: शिवाय मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए। रुद्राक्ष धारण करने के बाद अंडे, मांस, मदिरा, लहसुन, प्याज को त्याग देना चाहिए।

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तिलक लगाने और कलावा बांधने से होते है ये जबरदस्त फायदे, जानिए विस्तार से

हर रंग अपने आप में एक खास महत्व रखता है हम कलाई, गले और शरीर के किसी भी अंग में कुछ पहनने के लिए अलग अलग रंगों की चीजों का प्रयोग करते हैं कुछ ज्ञानी लोग यह मानते हैं कि रंग हमें बुरी नजरों से बचा सकते हैं और जो रंग जिस भगवान को प्यारा होता है उससे आशीर्वाद भी मिलता है। यह भी मान्यता है की तिलक का हमारे स्वास्थ्य से भी एक गहरा संबंध है तिलक हमारे स्वास्थ्य पर बहुत प्रभाव डालता हैं और हमें स्वास्थ्य से जुड़ी हुई परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता और हमारा जीवन सुखी होता है। अलग-अलग रंग हमे बहुत से दुष्प्रभावो से बचाते हैं। तिलक और मनुष्य का एक गहरा संबंध है, भगवान का आह्वान करते वक्त तिलक लगाना हमारे लिए बहुत ही शुभ और फलदायक होता है।

आइए जानते हैं कलावा और तिलक से जुड़ी मान्यताएं और इनके महत्व को :

कलावा : हिंदू धर्म में किसी पूजा के बाद कलावा बांधने बहुत ही शुभ माना जाता है और इसको रक्षक सूत्र भी कहा जाता है। कुछ लोगों का मानना है कि इसमें ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों का आशीर्वाद मिलता है। हमें मुसीबतों का सामना नहीं करना पड़ता और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। कुछ लोग यह मानते हैं कि कलावा धारण करने से कुछ रोग नष्ट हो जाते हैं।

काला :रंग हमें बहुत सी बुरी शक्तियों से बचाता है यह एक महत्वपूर्ण रंग है क्योंकि अगर किसी छोटे बच्चे को नजर लगने की समस्या है तो हम उसे काले रंग का धागा या टीका लगा सकते है। इससे उसकी नजर लगने की समस्या ठीक हो जाएगी। काले रंग के धागे का सम्बन्ध शनि देव महाराज और राहु से होता है इसलिए इसे धारण करके ग्रह दोषों से भी छुटकारा पाया जा सकता है।

जनेऊ : जनेऊ को हिंदू मान्यता के अनुसार बहुत ही शुभ माना जाता है इसको गुरु लोग धारण करते है और किशोरावस्था में आने पर इसके नियमो का पालन किया जाता है। जनेऊ का सीधा सम्बन्ध शुक्र से होता है। ये स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।

भगवा : हिंदू मान्यता के अनुसार भगवा रंग साधु संतों का रंग है इसको पहनने के बाद मनुष्य शांति और सुख का अनुभव करता है। भगवा रंग मोक्ष का प्रतीक भी माना जाता है।साधु भगवा रंग के वस्त्र धारण करते हैं। इस रंग के धागे को धारण करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, शान्ति, ख्याति और शक्ति बढाता है। इस रंग का सीधा सम्बन्ध ब्रहस्पति से होता है।

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दिन के अनुसार तिलक लगाने का महत्व :

सोमवार : भगवान शिव का दिन होता है। इस दिन भस्म का टीका लगाने से मन शांत होता है और परेशानिया दूर हो जाती है। हम चाहे तो इस दिन शिवलिंग पर जल भी चढा सकते है।

मंगलवार : हनुमान जी का दिन होता है। इस दिन लाल सिन्दूर लगाने से जीवन से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। साथ ही उसके बुद्धि और कार्य शक्ति में भी इजाफा होता है।

बुधवार :माँ दुर्गा और गणेश जी का दिन होता है। इस दिन केवल सिन्दूर का तिलक लगाना चहिए, ऐसा करने से गणेश जी प्रश्न होते है और हमे धन धान्य से परिपूर्ण करते है।

बृहस्पतिवार : भगवान विष्णु का दिन माना जाता है। इस दिन चंदन या हल्दी का तिलक लगाना शुभ होता है। इससे आर्थिक परेशानियां दूर होती है और कारोबार में वृधि होती है।

शुक्रवार : संतोषी माता का दिन होने के कारण इस दिन लाल रंग का टीका लगाना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से हमारी सभी इच्छा पूर्ण होती है।

शनिवार : यह दिन शनिदेव और भैरव देव का दिन है। इस दिन काला टीका लगाएं। काला रंग शनि महाराज का पसंदीदा रंग है, इसे लगाने से वे खुश हो जाते है।

रविवार : यह श्री हरि विष्णु और सूर्य देव का दिन होने के कारण इस दिन पीला और लाल चन्दन लगाना बहुत ही फलदायक होता है।

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क्या आप जानते है इन 8 बीमारियों के लिए अमृत है गन्ने का जूस

गर्मियों में गन्‍ने का जूस ना सिर्फ पीने में टेस्टी लगता है बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है। इसे पीने से हमारे शरीर को बहुत सी बीमारियों से निजात मिलती है। गन्ना का जूस पीने से एनीमिया, पीलिया, हिचकी आदि रोग ठीक हो जाते हैं। अम्लपित्त, रोगों में गन्ने का ताजा रस काफी फायदेमंद है। गन्‍ने के रस में मिनरल, विटामिन और एंटीऑक्‍सीडेंट भरपूर मात्रा में पाए जाते है। बदलते मौसम में लोगो को बहुत सारी बीमारियां हो जाती है। बुखार उनमे से एक है। गन्ने के रस से शरीर में शक्ति आती है और हमारा इम्युनिटी सिस्टम मजबूत होता है। आईये आपको बताते है benefit of sugercane juice

गन्ने का रस मीठा होता है जिससे हमे भरपूर मात्रा में एनर्जी मिलती है। गन्ने के रस से हमे अच्छी-खासी कैलोरी भी मिलती है यूं मान लीजिए एक गिलास गन्ने के रस में तकरीबन 150 से 200 कैलोरी होती है। गन्ने का रस पीने से हमारे शरीर में पानी की कमी भी नहीं होती। कई लोग सोचते हैं कि गन्ने का रस सर्दी जुकाम में नहीं पीना चाहिए। अगर आप ऐसा सोचते हैं तो आप सरासर गलत है क्योंकि यह सर्दी जुखाम को ठीक करने में बहुत मददगार साबित होता है। गर्मियों में गन्ने के रस में नींबू का रस मिलाकर पीने से ताजगी का अहसास होता है और गर्मी भी नहीं लगती। आज हम आपको बतायेंगे कि गन्ने का जूस हमारे लिए किस तरह फायदेमंद है।

मुंहासे ठीक करता है :

गन्ने के रस में कई तरह के विटामिंस और मिनरल्स पाए जाते हैं जो हमारी त्वचा के लिए बहुत ही फायदेमंद है अगर हम हर रोज गन्ने का जूस पिएंगे तो हमारे चेहरे पर मुंहासे नहीं होंगे हम चाहे तो गन्ने के जूस का मास्क भी बनाकर चेहरे पर लगा सकते हैं गन्ने के जूस को मुल्तानी मिट्टी में डालकर उसको चेहरे पर लगाएं आपका रंग सवंर जाएगा।

गन्ने का जूस होता है एनर्जी ड्रिंक :

यह एनर्जी का भरपूर भंडार है अगर हम गन्ने और नीम्बू का रस मिलाकर पियेंगे तो ये हमें भरपूर एनर्जी देगा और गर्मी को भी शांत करेगा। अगर आप जिम में वर्कआउट करने के बाद या रनिंग के बाद एक गिलास गन्ने का जूस पियेंगे तो आपको बहुत फायदा होगा।

पीलिया में उपयोगी :

पीलिया के रोगियों के लिए गन्ने का रस एक अमृत के समान है अगर कोई व्यक्ति पीलिया से ग्रस्त है तो उसे गन्ने के जूस में काला नमक मिलाकर पिलाएं, आप काले नमक के साथ टेस्ट को बढ़ाने के लिए नींबू का रस मिला सकते हैं इस से रोगी को आराम मिलेगा।

मधुमेह में लाभदायक :

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आपको बता दें की गन्ने के जूस में मिठास पाई जाती है लेकिन ये शुगर के मरीजो के लिए नुकसानदायक नही होती। गन्ने का जूस हमारे ब्लड ग्लूकोज लेवल को सामान्य रखता है। जो लोग मधुमेह से ग्रसित है उनको डॉक्टर की सलाह लेकर गन्ने का जूस जरुर पीना चाहिए।

कैंसर के खतरे को करता है कम :

अल्‍कलाइन प्रकृति होने के कारण यह हमें कैंसर से सुरक्षित रखता है। वैसे तो शरीर में अलग-अलग जगह पर अलग-अलग प्रकार की कैंसर होती है लेकिन यह प्रोस्टेट, फेफड़े, पेट और स्तन कैंसर में विशेष लाभदायक है।

उल्‍टी की रोकथाम के लिए :

गर्मियों में आपको कई बार उल्टी की शिकायत हो जाती है अगर आप को उल्टी आ रही हो तो आप गन्ने के रस का सेवन कर सकते हैं। अगर हम किसी को एक गिलास ठंडा गन्ने का रस पिला दे तो उसकी उल्टी तुरंत रूक जाएंग।

वजन नियंत्रण करने में सहायक :

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वैसे तो गन्ने का रस मीठा होता है लेकिन फिर भी इसमें फैटी एसिड बहुत कम मात्रा में पाए जाते हैं। कई बार हमारी बॉडी में कोलेस्ट्रोल बढ़ जाता है यह एक्स्ट्रा कोलेस्ट्रोल को कम करता है और हमारी बॉडी में फैट को भी कम करता है इसमें घुलनशील फैट पाया जाता है जो वजन को कम करने में अहम भूमिका निभाता है।

पेशाब करने में जलन महसूस हो तो :

कई बार गर्मियों में हमें पेशाब में जलन होने लगती है और पेशाब रुक-रुककर आता है ऐसी स्थिति में अगर हम गन्ने का रस पिए तो मुत्रविकार ठीक हो जाएगा और पेशाब में जलन भी नहीं होगी।

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बेडरूम में ये गन्दी बात करने से बिगड़ सकता है पति पत्नी का रिश्ता, जानकर दंग रह जायेंगे आप

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पति-पत्नी का रिश्ता जन्मों जन्म तक साथ निभाने वाला रिश्ता होता है। पति पत्नी को एक-दूसरे के सुख दुख में हमेशा साथ निभाना होता है लेकिन आजकल लोगों के वैवाहिक जीवन से शांति खत्म हो गई है और समय के साथ-साथ पति-पत्नी के बीच वो प्यार और विश्वास की डोर भी टूटती जा रही है। विश्वास की इस रिश्ते को सबसे ज्यादा जरुरत होती है, क्योंकि विश्वास के बिना कोई भी रिश्ता पूर्ण नही होता। इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बताएंगे जिन्हें अपनाकर आप अपने रिश्ते में प्यार और विश्वास के साथ शांति भी कायम रख सकते हैं। तो जानिए tips for happy married life

1. प्यार से समझाना :

शादीशुदा लाइफ में कई बार नोक झोंक की परिस्थितियां आती हैं। जिसमें पति-पत्नी किसी एक विषय पर अपने अलग-अलग विचार रखतें हैं जो विवाद की स्थिति उत्पन्न कर देता है। इसलिए आप भी कभी ऐसी स्थिति में फंसे तो सबसे पहले अपने पार्टनर को शांत कराएं फिर अपनी बात को उनके सामने प्यार से रखें। क्योंकि शांति और प्यार के साथ कही गई बात आपके सामने कभी झगड़े की नौबत नही लाएगी।

2. बेडरूम में किसी अन्य व्यक्ति की बात करना :

पति पत्नी को इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि वो अपने बेडरूम में किसी दुसरे व्यक्ति की बात ना करें। बल्कि आप अपने इस प्राइवेट टाइम में सिर्फ एक-दूसरे से प्यार भरी बातें करें और अपने सुखद पलों को एन्जॉय करें। क्योंकि ये टाइम आप दोनों के बीच होने वाले विवाद की संभवानाओं को भी कम कर देता है और आपके बीच प्यार भी बनाएं रखता है।

3. नाराजगी :

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अगर आप अपनी मैरिड लाइफ को बेहतर बनाना चाहते है तो इस बात का ध्यान रखना बेहद जरूरी है कि आप दोनों एक ही टाइम में नाराज ना हो बल्कि जब आपके पार्टनर गुस्से में हो तो उस समय आप शांत हो जाएं। जिससे स्थिति सयम बनाए रखे। क्योंकि पति-पत्नी, दोनों ही अगर एक समय पर गुस्सा करेंगे तो बात बहुत ज्यादा बिगड़ सकती है। इसलिए कोशिस यही करे कि आप अपने नाराज पार्टनर को शांत करने की कोशिश करे और प्यार से समझाए।

4. पुरानी गलतिया न दोहराए :

अगर पिछले कुछ दिनों में आपके पार्टनर से कोई गलती हो गई है तो उसका जिक्र बार-बार ना करें। आपके ऐसा करने से आपके पार्टनर को दुख होगा और आपकी शादीशुदा लाइफ भी खराब होने लगेगी। इसलिए आप उनकी गलतियों को माफ करते हुए उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करे।

5. टेंसन में साथ दे :

अक्सर आपके पार्टनर ऑफिस/जॉब का तनाव घर लेकर भी आ जाते हैं, तो ऐसी परिस्थिति में आपको उनकी टेंसन दूर करने की कोशिश करनी चाहिए और उनकी टेंशन का कारण पूछकर उन्हें उसे दूर करने का सही रास्ता बताना चाहिए। इस मामले में पत्नी को एक अच्छी सलाहकार की भी भूमिका निभानी चाहिए क्योंकि आपकी ये बात आपकी मैरिड लाइफ में खुशियां ही लेकर आएगी।

6. जीवन साथी की तारीफ जरुर करे :

अपनी तारीफ सुनना हर किसी को पसंद होता है। इसलिए आप भी अपने पार्टनर की हर रोज किसी भी काम को लेकर तारीफ करें और उसके बारे में उसे बताएं। क्योंकि जब आपका पार्टनर आपकी तारीफ करता है तो आपको दोगुनी खुशी मिलती है।

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पिता बनने से नाकाम पुरुष एक बार इन टिप्स को जरुर अपनाए, रिजल्ट देख हैरान हो जायेंगे आप

पिता बनना अपने आप में एक सुखद एहसास है। कोई यह नहीं चाहता कि वह पिता ना बने लेकिन कई बार कुछ ऐसी दिक्कत हो जाती है जिसके कारण हर पुरुष पिता नहीं बन पाता है। हमारा शरीर एक मशीन की तरह कार्य करता है। हमारे शरीर को काम करने के लिए ऊर्जा की जरूरत पड़ती है लेकिन जब हम पूर्ण मात्रा में हमारे शरीर को ऊर्जा नहीं देंगे तो वह पूरी तरह से काम नहीं करेगा। हमें काम करने के लिए अनेक प्रकार के पोषक तत्वों की जरूरत पड़ती है ताकि हमारा शरीर पूर्ण रूप से कार्य करने में सक्षम हो और उसमें कोई प्रकार की कमी ना हो। आज हम आपको कुछ ऐसी चीज बताएंगे जिन के सेवन से आपका सीमन ज्यादा बनेगा और इनफर्टिलिटी की समस्या दूर होगी। Foods that increase sperm count

हम हर रोज भोजन तो करते हैं लेकिन कई बार ऐसा भोजन करते हैं जिसमें विटामिंस और मिनरल्स की कमी होती है। अगर हमारे शरीर को विटामिंस और मिनरल्स जरुरत के अनुसार नहीं मिलेंगे तो हमारे शरीर की पूर्ति अच्छी तरह नहीं होगी। हमें संतुलित आहार लेना जरूरी है ताकि हमारे शरीर में किसी भी चीज की कमी ना हो और हमारे शरीर का हर भाग अच्छी तरह से काम करें।

Sperm count बढ़ाने के लिए खाएं केला :

केले में पाए जाने वाला ब्रोमेलिन जो कि सेक्स हार्मोन को सुचारु रुप से कार्य करने के लिए उनकी क्वालिटी को बढ़ाता है और इसमें मौजूद पोटासियम और सोडियम स्पर्म काउंट को ज्यादा करते हैं और केला खाने से स्पर्म की गतिशीलता भी बढ़ती है।

स्ट्रॉबेरी :

स्ट्रॉबेरी एक बहुत ही गुणकारी फल है इसमें विटामिन सी मौजूद होता है जो पुरुषों में फर्टिलिटी को बढ़ाने में सहायता प्रदान करता है एक वैज्ञानिक शोध से पता चला है कि हमें हर रोज करीब 100 से 120 ग्राम विटामिंस की जरूरत होती है।

संतरा :

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संतरा विटामिन सी से भरपूर है परिपूर्ण फल है। फलों और सब्जियों से हमारे शरीर को भरपूर मात्रा में ऊर्जा मिलती है। संतरा में एंटीआक्सीडेंट दिखाए जाते हैं जो कि हमारे फर्टिलिटी को बढ़ाने में मददगार साबित होते हैं। संतरा हमारे शरीर में विटामिन सी की भी पूर्ति करता है।

अनार :

अनार एक गुणकारी फल है। अनार हमारे शरीर में खून का निर्माण करता है इसमें अनेक तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं यह नया खून बनने में मदद करता है अगर हम सीमन यानी शुक्राणुओं की बात करें तो उसमें भी यह इजाफा करता है। अनार में आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। अनार में फ्री रेडिकल्स पाए जाते हैं जो हमारे स्पर्म को सुरक्षित रखने में अहम भूमिका निभाते है। इसलिए प्रतिदिन अनार का जूस जरूर पिएं।

कटहल :

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अगर हम सब्जियों की बात करें तो कटहल का अहम योगदान है कटहल हमारी स्पर्म की गतिशीलता को बढ़ाकर नपुंसक लोगों की सीमन की क्वालिटी को और बेहतर बनाती है। अगर किसी मनुष्य को डिसफंक्शन, प्रीमैच्योर इजैकुलेशन की समस्या है तो यह आपके लिए बेहद लाभदायक साबित हो सकता है। कटहल आयुर्वेदिक फलों में से एक है यह एक जड़ी बूटी की तरह काम करता है।

टमाटर :

टमाटर का प्रयोग हर रसोईघर में जरूर होता है इसमें शक्तिशाली पोषक तत्व पाए जाते हैं जो हमारी स्पर्म को बेहतर बना देते हैं इसमें मौजूद लाइकोपेन स्क्राणुओ को गति प्रदान करते हैं और उनकी वॉल्यूम को भी बढ़ाते हैं। टमाटर में पाया जाने वाला विटामिन सी हमारे शरीर के लिए एक अमृत के समान काम करता है। हर मौसम के अनुसार फल और सब्जियों का सेवन जरुर करे। सभी फल और सब्जी अपने आप में एक विशेष गुण रखते है जो हमारे शरीर के अलग अलग कार्यो में सहायता करते है और हमे सवस्थ जीवन प्रदान करते है।

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30 साल बाद ऐसे दिखने लगे हैं रामानंद सागर की रामायण के राम, जानिए आजकल क्या कर रहे हैं

रामानंद सागर की रामायण को भला कोई कैसे भूल सकता है। एक समय ऐसा था जब रविवार की सुबह 10 बजे दूरदर्शन पर रामायण धारावाहिक का प्रसारण होता था, तो एक घंटे के लिए मानो सब कुछ रूक सा जाता था। देशभर के लोग सुबह से तैयार होकर घर में टीवी के सामने Ramanand sagar Ramayana देखने के लिए इकट्ठे हो जाते थे। जब टेलीविजन पर रामायण आती थी तो आसपास के मोहल्ले से का लोगों का हुजूम उमड़ पड़ता था। दूरदर्शन पर रामायण की शुरुआत 25 जनवरी 1981 से हुई थी और ये धारावाहिक 31 जुलाई 1988 तक चला और काफी लोकप्रिय हुआ जितना लोकप्रिय यह सीरियल हुआ उतनी ही लोकप्रियता इस के कलाकारों ने बटोरी। आज हम आपको रामायण में राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल के बारे में बता रहे हैं।

अरुण गोविल ने निभाया था श्रीराम का किरदार :

Ramanand sagar ramayana

रामानंद सागर की रामायण में राम का रोल निभाने वाला अरुण गोविल का जन्म 12 जनवरी 1960 को मेरठ में हुआ था। अरुण गोविल अब 60 साल के हो चुके हैं। अरुण गोविल ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा उत्तर प्रदेश में ही की। मेरठ कालेज में पढ़ते हुए ही उन्हें एक्टिंग में करियर बनाने का जुनून सवार हो गया था। इनके पिता चाहते थे कि यह नौकरी करें, लेकिन इनका सोचना अलग था। अरुण कुछ बड़ा करना चाहते थे जिससे लोगों के दिल में जगह बना सकें। महज 17 वर्ष की उम्र में अरुण मुंबई चले गए और वहां उन्होंने अपना व्यवसाय शुरू किया। व्यवसाय के साथ ही उन्हें एक्टिंग के लिए भी ऑफर मिलने लगे। वर्ष 1977 में तारा बड़जात्या की फिल्म ‘पहेली’ में एक्टिंग करने का अरुण को ऑफर मिला और यह उनकी पहली फिल्म थी।

Ramanand sagar Ramayana में ऐसे मिला श्रीराम का रोल :

रामायण से पहले अरुण गोविल रामानंद के साथ विक्रम और बेताल में काम कर चुके थे। रामानंद सागर ने अरुण गोविंद को अपने धारावाहिक विक्रम और बेताल में इनको राजा विक्रमादित्य का लीड रोल प्ले करने का मौका दिया था। बाद में रामानंद सागर ने रामायण बनाने के बारे में सोचा। तब उनके सामने सबसे बड़ी मुसीबत यह थी कि राम के किरदार के रूप में किसे चुने बाद में उन्हें अरुण का ख्याल आया और उन्हीं को इस किरदार में चुन लिया। हालांकि अरुण को राम का किरदार निभाने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी इसके लिए उनको स्मोकिंग भी छोड़नी पड़ी। अरुण गोविल को जितनी लोकप्रियता रामायण के राम के किरदार से मिली इतनी लोकप्रियता वह फिर कभी हासिल नहीं कर पाए उस समय रामायण की लोकप्रियता आलम यह था कि रामायण रामायण को देखने के लिए शहरों की सड़कें और गाँवों की गलियाँ सूनी हो जाती थीं।

कई बॉलीवुड फिल्मों में भी कर चुके हैं काम :

Ramanand sagar ramayana

अरुण गोविल राम की भूमिका में ऐसे समा गए कि लोग उन्हें सचमुच का राम समझने लगे जिसके बाद वह अभी तक भगवान राम की छवि से बाहर नहीं निकल पाए हैं और लोग उन्हें अभी भी राम समझ कर प्रणाम करते हैं आज भी कहीं किसी को अरुण गोविल सामने नजर आ जाते हैं तो बुजुर्ग हो या नौजवान, किसी का भी हाथ श्रद्धा भाव से इनके सामने झुक ही जाता है। खुद अरुण भी मानते हैं कि उन्हें राम बनकर जो सफलता मिली वह किसी अन्य टीवी सीरियल या फिल्म से नहीं मिल सकी। अरुण ने फिल्मों में भी काम किया है। उन्होंने सावन को आने दो, सांच को आंच नहीं, और इतनी सी बात, हिम्मतवाला, दिलवाला, हथकड़ी और लव कुश जैसी कई बॉलीवुड फिल्मों में अहम भूमिका निभाई है।

अब करते हैं यह काम :

रामायण के बाद उन्हें काफी ऑफर आये, लेकिन अरुण ने सब को नकारते हुए लगभग 10 सालों तक फिल्मों से दूरी बना ली और रामायण के लक्ष्मण यानी सुनील लाहिड़ी के साथ मिलकर अपनी प्रोडक्शन कंपनी शुरू की। अब वे न तो टीवी पर और न ही फिल्म में नजर आते हैं। हालांकि कभी-कभी प्रोडक्शन का काम करते हैं।

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