रामानंद सागर की रामायण को भला कोई कैसे भूल सकता है। एक समय ऐसा था जब रविवार की सुबह 10 बजे दूरदर्शन पर रामायण धारावाहिक का प्रसारण होता था, तो एक घंटे के लिए मानो सब कुछ रूक सा जाता था। देशभर के लोग सुबह से तैयार होकर घर में टीवी के सामने Ramanand sagar Ramayana देखने के लिए इकट्ठे हो जाते थे। जब टेलीविजन पर रामायण आती थी तो आसपास के मोहल्ले से का लोगों का हुजूम उमड़ पड़ता था। दूरदर्शन पर रामायण की शुरुआत 25 जनवरी 1981 से हुई थी और ये धारावाहिक 31 जुलाई 1988 तक चला और काफी लोकप्रिय हुआ जितना लोकप्रिय यह सीरियल हुआ उतनी ही लोकप्रियता इस के कलाकारों ने बटोरी। आज हम आपको रामायण में राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल के बारे में बता रहे हैं।
अरुण गोविल ने निभाया था श्रीराम का किरदार :
रामानंद सागर की रामायण में राम का रोल निभाने वाला अरुण गोविल का जन्म 12 जनवरी 1960 को मेरठ में हुआ था। अरुण गोविल अब 60 साल के हो चुके हैं। अरुण गोविल ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा उत्तर प्रदेश में ही की। मेरठ कालेज में पढ़ते हुए ही उन्हें एक्टिंग में करियर बनाने का जुनून सवार हो गया था। इनके पिता चाहते थे कि यह नौकरी करें, लेकिन इनका सोचना अलग था। अरुण कुछ बड़ा करना चाहते थे जिससे लोगों के दिल में जगह बना सकें। महज 17 वर्ष की उम्र में अरुण मुंबई चले गए और वहां उन्होंने अपना व्यवसाय शुरू किया। व्यवसाय के साथ ही उन्हें एक्टिंग के लिए भी ऑफर मिलने लगे। वर्ष 1977 में तारा बड़जात्या की फिल्म ‘पहेली’ में एक्टिंग करने का अरुण को ऑफर मिला और यह उनकी पहली फिल्म थी।
Ramanand sagar Ramayana में ऐसे मिला श्रीराम का रोल :
रामायण से पहले अरुण गोविल रामानंद के साथ विक्रम और बेताल में काम कर चुके थे। रामानंद सागर ने अरुण गोविंद को अपने धारावाहिक विक्रम और बेताल में इनको राजा विक्रमादित्य का लीड रोल प्ले करने का मौका दिया था। बाद में रामानंद सागर ने रामायण बनाने के बारे में सोचा। तब उनके सामने सबसे बड़ी मुसीबत यह थी कि राम के किरदार के रूप में किसे चुने बाद में उन्हें अरुण का ख्याल आया और उन्हीं को इस किरदार में चुन लिया। हालांकि अरुण को राम का किरदार निभाने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी इसके लिए उनको स्मोकिंग भी छोड़नी पड़ी। अरुण गोविल को जितनी लोकप्रियता रामायण के राम के किरदार से मिली इतनी लोकप्रियता वह फिर कभी हासिल नहीं कर पाए उस समय रामायण की लोकप्रियता आलम यह था कि रामायण रामायण को देखने के लिए शहरों की सड़कें और गाँवों की गलियाँ सूनी हो जाती थीं।
कई बॉलीवुड फिल्मों में भी कर चुके हैं काम :
अरुण गोविल राम की भूमिका में ऐसे समा गए कि लोग उन्हें सचमुच का राम समझने लगे जिसके बाद वह अभी तक भगवान राम की छवि से बाहर नहीं निकल पाए हैं और लोग उन्हें अभी भी राम समझ कर प्रणाम करते हैं आज भी कहीं किसी को अरुण गोविल सामने नजर आ जाते हैं तो बुजुर्ग हो या नौजवान, किसी का भी हाथ श्रद्धा भाव से इनके सामने झुक ही जाता है। खुद अरुण भी मानते हैं कि उन्हें राम बनकर जो सफलता मिली वह किसी अन्य टीवी सीरियल या फिल्म से नहीं मिल सकी। अरुण ने फिल्मों में भी काम किया है। उन्होंने सावन को आने दो, सांच को आंच नहीं, और इतनी सी बात, हिम्मतवाला, दिलवाला, हथकड़ी और लव कुश जैसी कई बॉलीवुड फिल्मों में अहम भूमिका निभाई है।
अब करते हैं यह काम :
रामायण के बाद उन्हें काफी ऑफर आये, लेकिन अरुण ने सब को नकारते हुए लगभग 10 सालों तक फिल्मों से दूरी बना ली और रामायण के लक्ष्मण यानी सुनील लाहिड़ी के साथ मिलकर अपनी प्रोडक्शन कंपनी शुरू की। अब वे न तो टीवी पर और न ही फिल्म में नजर आते हैं। हालांकि कभी-कभी प्रोडक्शन का काम करते हैं।
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