माउंट एवरेस्ट दुनिया की सबसे ऊंची चोटी हैं जिसको फतह करने का सपना हर पर्वतारोही देखता है। हर साल दुनियाभर के हजारों पर्वतारोही माउंट एवरेस्ट की चोटी पर चढ़ने का प्रयास करते हैं लेकिन उनमें से कुछ ही सफल हो पाते हैं। हाल ही में उत्तरप्रदेश के एक युवक ने माउंट एवरेस्ट पर सफलतापूर्वक चढ़ाई करके भारत का नाम रोशन किया है। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद शहर में रहने वाले इस युवक का नाम विपिन चौधरी हैं। इन्होंने माउंट एवरेस्ट पर चढ़कर भगवा झंडा भी फहराया है जिसकी बहुत चर्चा हो रही है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े हैं विपिन चौधरी :
माउंट एवरेस्ट को फतह करने वाले विपिन चौधरी मुरादाबाद शहर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के महानगर सह कार्यवाह हैं। विश्व की सबसे ऊंची और जटिल चोटी पर इन्होंने एक नया कारनामा रच दिया है। माउंट एवरेस्ट पर ‘भगवा ध्वज’ फहराने वाले विपिन चौधरी ऐसे पहले शख्स बन गए हैं। ऐसा करने पर संघ एवं भारतीय हिंदू संस्कृति के प्रसंशकों से विपिन को खूब सारी बधाइयां और शुभकामनाएं मिल रही हैं साथ ही लोग उनकी काफी तारीफ कर रहे हैं।
भगवा ध्वज फहराने के पीछे कारण :
इससे पहले कि आप यह सोचें कि इन्होंने अपने राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे की जगह भगवा झंडा ही क्यों फहराया ? आपको बता दें कि इन्होंने सिर्फ भगवा ध्वज ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय ध्वज की भी मर्यादा रखी है और भगवा ध्वज के साथ-साथ माउंट एवरेस्ट पर तिरंगे को फहराकर देश का मान बढ़ाया है। बता दें कि उगते हुए सूर्य के समान भगवा रंग भारतीय संस्कृति की आध्यात्मिक ऊर्जा, पराक्रमी परंपरा एवं विजय भाव का प्रतीक माना जाता है।
संघ ने भगवा ध्वज को गुरु के प्रतीक रूप में स्वीकार किया है जो कि हजारों वर्षों से राष्ट्र और धर्म का ध्वज रहा है। RSS से जुड़े पर्वतारोही विपिन चौधरी ने माउंट एवरेस्ट की चोटी पर भगवा ध्वज फहराकर आरएसएस के स्वयंसेवक की तरह ध्वज को नमन भी किया।
पहले भी कई ऊंची चोटियों को फतह कर चुके हैं विपिन :
विपिन चौधरी 27 वर्ष के है और फिलहाल केजीके डिग्री कॉलेज में लॉ की पढाई कर रहे हैं। पढ़ाई के साथ-साथ वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गतिविधियों में भी हिस्सा लेते रहते हैं। वैसे बता दें कि विपिन को पर्वतों पर चढ़ाई करने का बहुत शौक है और वे माउंट एवरेस्ट से पहले भी वह एल्ब्रुस और किलीमंजारों की शिखरों पर चढ़कर अपना लौहा बनवा चुके हैं।
अगर उनके (Mount Everest) माउंट एवरेस्ट चढ़ाई अभियान की बात करें तो उन्होंने 2 अप्रैल को चढ़ाई शुरू की थी। 12 सदस्यीय समूह में विपिन चौधरी उत्तरप्रदेश से अकेले पर्वतारोही थे। विपिन ने 22 मई की सुबह नौ बजे यह सफलता हासिल की और माउंट एवरेस्ट पर भगवा झंडा फहराकर इतिहास रच दिया। जब विपिन के आस-पड़ोस और रिश्तेदारों को उनकी इस उपलब्धि की खबर मिली तो उनके घर बधाई देने वालों का तांता लग गया। विपिन के माता-पिता को अपने बेटे पर काफी गर्व महसूस हुआ। विपिन के पिता गजेंद्र सिंह, पुलिस में सब-इंस्पेक्टर के तौर पर कार्यरत हैं। जबकि उनकी मां पूनम चौधरी हाउसवाइफ हैं।
यह भी पढ़ें : जूस बेचने वाला शख्स कैसे बना संगीत सम्राट, जानिए गुलशन कुमार के जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें