भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष सौरव गांगुली अब अध्यक्ष पद से हटा दिए गए हैं। उनकी जगह अब रोजर बिन्नी बीसीसीआई के अध्यक्ष बनेंगे। हालाँकि रिपोर्टों का दावा है कि गांगुली बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में बने रहना चाहते थे, लेकिन कथित तौर पर उन्हें अन्य सदस्यों से वह समर्थन नहीं मिला जो उन्हें चाहिए था।
गांगुली के BCCI अध्यक्ष पद पर जारी न रहने की एक वजह बोर्ड के प्रायोजक को बताया जा रहा हैं, जो गांगुली से खुश नहीं हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि वह प्रतिद्वंद्वी ब्रांड का प्रचार करते हैं। इस मामले पर सदस्यों के बीच कई बार चर्चा हो चुकी है। अध्यक्ष पद से हटाए जानें पर सौरव गांगुली की बातों मे निराशा दिखी। बंधन बैंक के एक कार्यक्रम में बोलते हुए, गांगुली ने कहा कि वह लंबे समय से एडमिनिस्ट्रेशन में रहे हैं और अब कुछ और करना चाहते हैं।
गांगुली ने कहा, “मैं एक एडमिनिस्ट्रेटर रहा हूं और मैं कुछ और भी करना चाहता हूं। आप जीवन में जो कुछ भी करते हैं वह सबसे अच्छे दिन होते हैं जब आप भारत के लिए खेलते हैं, वह सबसे बेहतरीन होता है। मैं बीसीसीआई का अध्यक्ष रहा हूं और आगे भी मैं बड़ी चीजें करता रहूंगा। आप हमेशा के लिए खिलाड़ी नहीं रह सकते, आप हमेशा के लिए एडमिनिस्ट्रेटर नहीं रह सकते। दोनों काम करके बहुत अच्छा लगा।”
आप एक दिन में अंबानी या नरेंद्र मोदी नहीं बनते
उन्होंने अपने बयान में कहा, “मैंने कभी इतिहास में विश्वास नहीं किया, लेकिन मैने जो भी किया उस पर मुझे गर्व है। आप एक दिन में अंबानी या नरेंद्र मोदी नहीं बनते हैं। आपको वहां पहुंचने के लिए महीनों और वर्षों तक काम करना पड़ता है।”
गांगुली ने कप्तान के रूप में भारतीय टीम का नेतृत्व करने के अपने अनुभव के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा, “टीम का नेतृत्व करने वाले छह खिलाड़ी थे। मैं राहुल द्रविड़ के लिए खड़ा हुआ था जब उन्हें एक दिवसीय टीम से लगभग हटा दिया गया था। मैंने टीम चुनने में उनके सुझाव लिए। टीम के माहौल में इन चीजों पर ध्यान नहीं दिया जाता है।”
गांगुली ने आगे कहा, “मैं पांच साल तक बंगाल क्रिकेट संघ का अध्यक्ष रहा। मैं सालों से बीसीसीआई का अध्यक्ष हूं। आपको कभी न कभी चीजों को छोड़ना पड़ता है। एक प्रशासक के तौर पर आपको काफी योगदान देना होता है और टीम के लिए चीजों को बेहतर बनाना होता है। मैं एक खिलाड़ी होने के नाते ये चीजें समझी थी। मैंने एक प्रशासक के रूप में अपने समय का भरपूर आनंद लिया। आप हमेशा के लिए नहीं खेल सकते और आप हमेशा के लिए प्रशासन में नहीं रह सकते।”
गांगुली की जगह रोजर बिन्नी अध्यक्ष
रोजर बिन्नी गांगुली की जगह लेने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उन्होंने पहले ही अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है और उनके निर्विरोध चुने जाने की संभावना है। गांगुली जहां बीसीसीआई अध्यक्ष पद से हटने जा रहे हैं, वहीं जय शाह बोर्ड के सचिव बने रहेंगे। बीसीसीआई में कुछ अन्य बदलाव भी किए जाने की उम्मीद है क्योंकि शीर्ष अधिकारियों में फेरबदल किया जा रहा है।
इस हफ़्ते की शुरुआत में यह बताया गया था कि गांगुली बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में अपना दूसरा कार्यकाल नहीं शुरू कर पाएंगे। 50 वर्षीय गांगुली 2019 में बीसीसीआई के अध्यक्ष बने थे।
सौरव गांगुली ने अपने प्रशासनिक करियर की शुरुआत 2015 में CAB के अध्यक्ष के रूप में की थी। अक्टूबर 2019 में उन्होंने बीसीसीआई की कुर्सी संभाली। उनके कार्यकाल में कोविड -19 के बावजूद आईपीएल हुआ।