बहुत से क्रिकेट प्रेमियों की इच्छा है कि श्रीलंका दौरे पर मुख्य कोच के रूप में नियुक्त किए गए पूर्व भारतीय खिलाड़ी राहुल द्रविड़ को भारत की मुख्य टीम का कोच नियुक्त किया जाए। कुछ लोगों का कहना है कि राहुल द्रविड़, रवि शास्त्री से बेहतर हैं। हालांकि कई लोग इस बात से सहमत नहीं है। राहुल द्रविड़ को सिर्फ श्रीलंका दौरे के लिए कोच बनाया गया था जो कि अब खत्म हो गया है और भारतीय टीम स्वदेश वापसी की तैयारी कर रही है।
राहुल द्रविड़ की अगुवाई में भारतीय टीम ने श्रीलंका में वनडे सीरीज को 2-1 से जीता। लेकिन टी20 सीरीज में कई मुख्य खिलाड़ी टीम से बाहर होने की वजह से भारतीय टीम वह सीरीज नहीं जीत पाई। इस पूरे दौरे पर राहुल द्रविड़ की अहम भूमिका थी उनके अंडर में टीम में काफी अनुशासन दिखाई दिया। लाइव मैच के दौरान वह युवा खिलाड़ियों को समझाते हुए नजर आए।
राहुल द्रविड़ ने भारत के लिए काफी वर्षों तक क्रिकेट खेला है और वह अपने समय में भारतीय टीम के कप्तान भी रह चुके हैं। इसके अलावा वह अंडर 19 भारतीय क्रिकेट टीम के कोच भी रह चुके हैं। इसलिए इस बात में कोई शक नहीं है कि द्रविड़ भारतीय टीम के कोच बनने के लिए प्रबल दावेदार हैं। यही वजह है कि फैंस लगातार लंबे समय से उनको कोच बनाए जाने की मांग कर रहे हैं। लेकिन राहुल द्रविड़ इस बारे में क्या सोचते हैं वह जानना भी आपके लिए जरूरी है, तो आइए आपको बताते हैं।
कोच बनने को लेकर राहुल द्रविड़ ने कही ये बात
कोच बनने को लेकर राहुल द्रविड़ ने अपनी प्रतिक्रिया दी है साथ ही उन्होंने श्रीलंका दौरे पर कोच के रूप में अपना अनुभव भी साझा किया है। राहुल द्रविड़ ने कहा “मैंने इस अनुभव का आनंद उठाया। मैंने आगे के बारे में कुछ भी नहीं सोचा है। ईमानदारी से कहूं तो मैं जो कर रहा हूं, उसमें खुश हूं। मेरे लिए, मैंने इस दौरे के अलावा और कुछ नहीं सोचा है। इस दौरे पर आकर मैंने अनुभव का आनंद उठाया।”
राहुल द्रविड़ ने आगे कहा “मुझे इन लड़कों के साथ काम करके मजा आया। ये शानदार रहा। मैंने आगे कोचिंग के बारे में कुछ नहीं सोचा है। आप जानते हैं, पूर्णकालिक कोचिंग करते समय कई चुनौतियां आती हैं, तो मुझे वाकई कुछ नहीं पता।”
राहुल द्रविड़ खुद बेशक इस बात से इंकार कर रहे हैं, कि उन्होंने भारत की मुख्य टीम का कोच बनने के बारे में कुछ नहीं सोचा है। लेकिन क्रिकेट प्रेमी उन्हें भारतीय टीम का मुख्य कोच देखना चाहते हैं। अब राहुल द्रविड़ को लेकर आगे का फैसला तो भारतीय क्रिकेट बोर्ड के हाथ में है।