ब्रह्मचारी कैसे बने ? जानिए ब्रह्मचर्य के फायदे और इसके नियम

Brahmacharya benefits in hindi

हिंदू धर्म में ब्रह्मचर्य का बहुत महत्व बताया गया है। प्राचीन काल में बहुत से ऐसे विद्वान हुए जिन्होंने ब्रह्मचर्य का पालन कर अमरत्व को प्राप्त कर लिया। जैसे भीष्म पितामह, स्वामी विवेकानन्द, हनुमान जी, परशुराम व नारद मुनि आदि। ब्रह्मचर्य का पालन करने से मनुष्य मानसिक व शारीरिक तौर पर बहुत अधिक बलशाली हो जाता है। लेकिन सवाल आता है कि ब्रह्मचर्य का पालन कैसे करें ? ब्रह्मचर्य के क्या-क्या नियम है ? आपको इस पोस्ट में इन सभी सवालों का जवाब मिलेगा।

महावीर स्वामी ने ब्रह्मचर्य को सबसे श्रेष्ट तपस्या बताया है। ब्रह्मचर्य नियम, ज्ञान, दर्शन, चारित्र, संयम और विनय की जड़ है। लेकिन अगर आपको लगता है कि ब्रह्मचर्य का पालन सिर्फ तपस्वी ही कर सकते हैं, तो आप गलत हैं। क्योंकि इसका पालन हर कोई कर सकता है। आप गृहस्थ जीवन में रहकर भी समय-समय पर ब्रह्मचर्य का पालन कर सकते हैं और इसका लाभ ले सकते हैं। ब्रह्मचर्य का मतलब सिर्फ यह नही है कि इसमें स्त्री-पुरुष को शारीरिक संबंध बनाने से बचना होगा बल्कि इसके और भी बहुत से नियम हैं।

दरअसल ब्रह्मचर्य के बहुत से नियम होते है। जिनका पालन करके आप अपनी जिंदगी में बहुत बदलाव महसूस कर सकते है। आजकल के समय में इंटरनेट की वजह से युवाओं की मानसिकता खराब होती जा रही है। हमारी नई पीढ़ी अपनी भारतीय परंपराओं को भुलाकर पश्चिमी सभ्यता की ओर आकर्षित हो रही हैं। इसका खामियाजा भी हमें भुगतना पड़ रहा है क्योंकि इसके चलते युवाओं में मानसिक व शारीरिक दुर्बलता बढ़ने लगी है।

ब्रह्मचर्य किसे कहते हैं और ब्रह्मचर्य के फायदे :

brahmacharya rules and benefits

ब्रह्मचर्य दो शब्दो ‘ब्रह्म’ और ‘चर्य’ से मिलकर बना है। ब्रह्म का अर्थ होता है परमात्मा अर्थात ईश्वर व ‘चर्य’ का अर्थ है विचरना, यानी कि पर्मात्मा को विचरना, सदैव परमात्मा का ध्यान करना। ब्रह्मचर्य का पालन करने वाले व्यक्ति को ब्रह्मचारी कहते हैं। आईए आपको बताते है ब्रह्मचर्य का पालन करने के क्या-क्या फायदे होते हैं..

1. बढ़ती है शारीरिक सुंदरता :

ब्रह्मचर्य के पालन से व्यक्ति की शारीरिक सुंदरता बढ़ती है। चाहे वो पुरुष हो या स्त्री दोनों के सौंदर्य में वृद्धि होती है। आपने सुना होगा कि पुराने समय में लोग आज के मुकाबले काफी लंबे चौड़े होते थे। बता दें कि उस समय लोग गृहस्थ जीवन जीते हुए भी ब्रह्मचर्य के नियमों का नियमित पालन करते थे। यही कारण है कि वे इतने ज्यादा सुंदर और बलवान होते थे। आप भी अगर ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करें तो अपने शरीर की सुंदरता और ताकत को बढ़ा सकते हैं।

2. उम्र होती है लंबी :

ब्रह्मचर्य का पालन करने वाले दोष मुक्त होते हैं। ब्रह्मचर्य के पालन से ना सिर्फ शारीरिक बल मिलता है, अपितु इससे व्यक्ति की आयु भी बढ़ती है। चूंकि ब्रह्मचारी व्यक्ति की रोग-प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा होती है। जिससे उसको रोग होने की संभावना बहुत कम हो जाती है इसलिए ऐसे लोग लंबी आयु जीते हैं।

3. प्रोफेशन में होता है लाभ :

किसी भी आम व्यक्ति के मुकाबले एक ब्रह्मचारी के शरीर में ज्यादा उर्जा होती है जो उसे प्रोफेशन लाइफ में भी आगे बढ़ने में मदद करती है। इससे उसके परफोर्मेंस में निखार आता है और व्यक्ति अपनी हाई एनर्जी के कारण ज्यादा अच्छा काम कर पाता है। अगर आप भी ऐसी उर्जा को बनाये रखना चाहते हैं तो आज से ही ब्रह्मचर्य का पालन करना शुरू कर दें।

4. मानसिक रूप से होते है मजबूत :

ब्रह्मचर्य का पालन करने वाले मानसिक रूप से बहुत मजबूत होते हैं। उनके अंदर चीजों को समझने की बेहतर क्षमता विकसित हो जाती है और उनका दिमाग भी तेजी से काम करता है। ब्रह्मचारी लोग हर प्रकार की सुख-दुःख की परिस्थितियों को आसानी से हैंडल कर लेते है। ब्रह्मचर्य आपको एक साहसी व्यक्ति बनाता है जिससे कायरता कोसों दूर रहती है।

5. सामाजिक जीवन में भी मिलता है फायदा :

सोशल लाइफ में भी ब्रह्मचर्य आपकी बहुत मदद करता है। जो भी व्यक्ति ब्रह्मचर्य का पालन करता है उसके अंदर गुस्सा, जलन और बैर जैसे भाव खत्म हो जाते हैं और व्यक्तित्व में बहुत सुधार आता है। ब्रह्मचारी लोगों के चेहरे पर हमेशा एक तेज व चमक बनी रहती है। ऐसा व्यक्ति हजारों की भीड में भी अलग नजर आता है।

ब्रह्मचारी कैसे बने ? ब्रह्मचर्य के नियम :

brahmacharya kya hota hai

1. महावीर स्वामी के अनुसार ब्रह्मचारी ऐसी जगह पर रहे, जहां शांत माहौल हो, बस्ती कम हो, व जहां पर स्त्रियां न रहती हों।

2. स्त्रियों से संबंधी ऐसी कोई भी बात न करें, जो चित्त में आनंद पैदा करती हों और विषय वासना को बढ़ाती हों।

3. ब्रह्मचारी स्त्रियों के अंगों को, उनके हावभावों व कटाक्षों को देखने से परहेज करें।

4. ब्रह्मचर्य का पालन करने वाले व्यक्ति को रसीली चिकनी चीज जैसे- घी, दूध, दही, तेल, गुड़, मिठाई आदि को छोड़ देना चाहिए। क्योंकि इसके सेवन से विषय वासना को शीघ्र उत्तेजना मिलती है।

5. ब्रह्मचारी को समय पर भोजन करना चाहिए और भोजन भी ऐसा हो जो धर्म से मिला हो। उसे परिमित भोजन करना चाहिए।

6. ब्रह्मचारी को शरीर के श्रृंगार पर जरा भी ध्यान नहीं देना चाहिए। उसे न तो गहने पहनने चाहिए और न शोभा या सजावट के लिए और कोई मान करना चाहिए।

7. ब्रह्मचारी को शब्द, रूप, गंध, रस और स्पर्श- इन 5 तरह के कामगुणों को हमेशा के लिए छोड़ देना चाहिए।

नोट : एक सफल ब्रह्मचारी बनने के और भी बहुत सारे नियम होते हैं, यहाँ हमने सिर्फ कुछ ही नियम बताएं है। अगर आप इसके बारे में और अधिक विस्तार से जानना चाहते हैं तो ब्रह्मचर्य के नियमों से जुड़ी कोई किताब खरीद सकते हैं जिसमें आपको विस्तार से सभी नियमों का वर्णन मिलेगा। यह जानकारी आपको कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएं।

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