बड़े विवाद में फंसे महेंद्र सिंह धोनी, सुप्रीम कोर्ट ने धोनी के घर भेजा नोटिस, 15 दिन का दिया समय

भारत के पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी महेंद्र सिंह धोनी एक बार फिर खबरों में आ गए हैं। हाल ही में उनको टी-ट्वेंटी वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम का मेंटोर बनाया गया है। इसी बीच धोनी एक पुराने विवाद में फंस गए हैं और यह विवाद है आम्रपाली ग्रुप से जुड़ा। नोएडा में आम्रपाली हाउसिंग प्रोजेक्ट के 1,800 से अधिक घर खरीदारों में धोनी भी शामिल हैं, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त रिसीवर ने 15 दिनों के भीतर अपने बकाया का भुगतान शुरू करने आदेश दिया है। इन सभी लोगों द्वारा बुक किए गए फ्लैटों का आवंटन रोक दिया जाएगा अगर इन्होंने फ्लैट मालिक कोर्ट रिसीवर द्वारा बनाए गए ग्राहक डेटा में अपना नाम दर्ज नहीं कराया तो।

धोनी को आम्रपाली का ब्रांड एंबेसडर बनाया गया था लेकिन धोनी छह साल पहले 2016 में आम्रपाली के ब्रांड एंबेसडर के रूप में इस्तीफा दे दिया था। नोटिस के मुताबिक, धोनी ने सेक्टर 45 नोएडा में सैफायर फेज- I में दो फ्लैट, C-P5 और C-P6 बुक किए हैं, जबकि धोनी का प्रतिनिधित्व करने वाले रीति स्पोर्ट्स मैनेजमेंट के चेयरमैन अरुण पांडे के पास भी एक फ्लैट, C- P4 है।

सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली आवासीय परियोजनाओं का अधिग्रहण करने के बाद सभी घर खरीदारों को अपना विवरण दर्ज कराने और शेष राशि का भुगतान करने के लिए कहा था। लेकिन जुलाई, 2019 में आए सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद भी महेंद्र सिंह धोनी समेत 1800 खरीदारों ने अभी तक कोई कदम नहीं उठाया है। सूची जारी करते हुए कोर्ट ने कहा है कि जिनका भी नाम इस सूची में है, वे बकाया भुगतान करके खरीद सकते हैं। यदि 15 दिन के अंदर दावा नहीं आया तो इसे खुले बाजार में बेच दिया जाएगा

आम्रपाली ग्रुप के ब्रांड एंबेसडर रह चुके हैं धोनी

जानकारी के लिए बता दें कि आम्रपाली हाउसिंग ग्रुप ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा में हजारों की संख्या में फ्लैट बनाए थे। आम्रपाली ग्रुप पर खरीदारों से धोखाधड़ी करने का आरोप लगा था, जिसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा। कोर्ट ने नोएडा के प्रोजेक्ट में 1800 बेनामी फ्लैट मालिकों की सूची जारी की है, जब इस सूची में धोनी का नाम भी सामने आया तो इस मामले की चर्चा होने लगी और यह सुर्खियों में आ गया। विवादग्रस्त आम्रपाली के विभिन्न प्रोजेक्ट में कुल 9538 फ्लैट हैं, जिन पर उनके मालिकों ने दावा नहीं किया है।

महेंद्र सिंह धोनी ने कई सालों तक ब्रांड एंबेसडर के रूप में आम्रपाली ग्रुप का प्रचार किया था। लेकिन बाद में रियल एस्टेट डेवलपर अपनी परियोजनाओं को पूरा नहीं कर सके। कंपनी पर हजारों लोगों के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप लगा और इससे आम्रपाली ग्रुप के साथ-साथ ब्रांड एंबेसडर महेंद्र सिंह धोनी की छवि पर भी आंच आई। खुद सुप्रीम कोर्ट ने इसे प्रथम श्रेणी का अपराध कहा था। बाद में जब मामला और ज्यादा हाइलाइट हुआ तो कंपनी ने भुगतान स्वीकार कर लिया था।

धोनी पर लगा गुमराह करने का आरोप

प्रोजेक्ट के खरीदारों ने धोनी पर कंपनी को छह साल तक उन्हें गुमराह करने तथा उनकी पत्नी साक्षी धोनी पर आम्रपाली ग्रुप के साथ मिलकर साजिश रचने और उनसे करोड़ों रुपये ठगने का आरोप था। हालांकि धोनी ने इन आरोपों का खंडन किया था। जब धोनी पर ऐसे आरोप लगे तो उन्होंने कंपनी के ब्रांड एंबेसडर का एग्रीमेंट खत्म कर दिया। इसके साथ ही धोनी ने ग्रुप पर अपनी बकाया राशि 40 करोड़ रुपये प्राप्त करने के लिए कंपनी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में केस दाखिल किया था।

धोनी ने आम्रपाली हाउसिंग प्रोजेक्ट का छह साल तक विज्ञापन किया। इसके बाद जब इस ग्रुप पर धोखाधड़ी के आरोप लगने लगे, तो धोनी ने 2019 में कंपनी के ब्रांड एंबेसडर का करार खत्म कर दिया। यही नहीं, धोनी ने ग्रुप पर अपनी बकाया राशि 40 करोड़ रुपये प्राप्त करने के लिए कंपनी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में केस दाखिल किया था।

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