कभी झाड़ू-पोछा लगाते थे, पिता करते सिलेंडर डिलीवरी, कैसे बने रिंकू सिंह IPL के स्टार खिलाड़ी ?

इंडियन प्रीमियर लीग ने भारत के कई युवा खिलाड़ियों की जिंदगी बदली है। उनमें से एक नाम है रिंकू सिंह। आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स की तरफ से खेलने वाले रिंकू सिंह ने अपने शानदार प्रदर्शन से सभी का दिल जीत लिया है। वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो रिंकू सिंह की पर्सनल लाइफ के बारे में जानना चाहते हैं। आज हम आपको रिंकू सिंह की कहानी बता रहे हैं कैसे वह एक गरीब परिवार से उठकर क्रिकेट जगत का चमकता हुआ सितारा बन गए हैं।

रिंकू सिंह उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से संबंध रखते हैं। उन्होंने अपनी जिंदगी में कई प्रकार की मुश्किलों का सामना किया है। परिवार की आर्थिक स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं थी लेकिन आज वे अपनी गरीबी को पीछे छोड़कर एक बड़े क्रिकेटर बन चुए हैं। रिंकू सिंह 5 भाई बहनों में तीसरे नंबर पर हैं। उनके पिता गैस सिलिंडर डिलीवरी का काम करते थे। जबकि एक भाई ऑटो चलाकर अपना गुजारा करता हैं।

रिंकू सिंह का जन्म 12 अक्टूबर 1997 को यूपी के अलीगढ़ में हुआ था। भारत के लाखों बच्चों की तरह रिंकू सिंह में भी बचपन में क्रिकेटर बनने का सपना देखा था। लेकिन जैसा कि आप जानते हैं क्रिकेटर बनने के लिए परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी होना बहुत जरूरी है। आर्थिक हालत खराब होने की वजह से रिंकू सिंह का क्रिकेटर बनने का सपना बहुत मुश्किल लग रहा था। उनकी आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि उन्हें ना चाहते हुए भी झाड़ू पोछा लगाने का काम करना पड़ा था।

क्रिकेट खेलने पर डांटते थे पिता

लेकिन ज्यादा समय तक उन्हें यह काम पसंद नहीं आया और वह क्रिकेटर बनने के लिए चल दिए। शुरुआत में रिंकू के पिता क्रिकेट खेलने पर उनको डांट के थे और उनके क्रिकेटर बनने के लिए फैसले के खिलाफ थे क्योंकि उन्हें लगता था कि क्रिकेटर बनना बहुत मुश्किल है। लेकिन एक बार दिल्ली में एक टूर्नामेंट का आयोजन हुआ जिसमें रिंकू सिंह ने काफी शानदार प्रदर्शन किया जिसकी बदौलत उन्हें मैन ऑफ द सीरीज के अवार्ड में बाइक मिली थी। जिसके बाद रिंकू के पिता काफी खुश हुए और उन्हें डांटना बंद कर दिया।

साल 2014 में उन्हें उत्तर प्रदेश की ओर से लिस्ट-ए और टी20 क्रिकेट में डेब्यू करने का मौका मिला। इसके दो साल बाद रिंकू सिंह ने पंजाब के खिलाफ मुकाबले से फर्स्ट क्लास क्रिकेट में कदम रखा। रिंकू सिंह ने अब तक 30 फर्स्ट क्लास मैचों में 5 शतक और 16 अर्धशतक की मदद से 2307 रन बनाए हैं।

फिर आईपीएल 2017 की नीलामी में किंग्स इलेवन पंजाब ने रिंकू सिंह पर दाव लगाया और उनको 10 लाख रुपए में खरीदकर अपनी टीम में शामिल कर लिया अगले साल 2018 में उनको कोलकाता नाइट राइडर्स ने 55 लाख रुपए में खरीद लिया। यह उनकी लाइफ में सबसे बड़ा मोड़ था।

2019 में लगा था रिंकू सिंह पर बैन

एक समय ऐसा भी आया जब भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने रिंकू सिंह पर बैन लगा दिया था। दरअसल, बात 2019 की है जब रिंकू सिंह बीसीसीआई अनुमति लिए बगैर अबू धाबी क्रिकेट के रमजान टी20 कप में हिस्सा लिया था। जिससे नाराज़ होकर भारतीय बोर्ड ने रिंकू पर तीन महीने का बैन लगाया था।

रिंकू सिंह को इस आईपीएल सीजन में कोलकाता नाइट राइडर्स की तरफ से सभी मैच खेलने का मौका नहीं मिला उन्हें सिर्फ 7 मैचों में ही प्लेइंग इलेवन में शामिल किया गया जिसमें उन्होंने 174 रन बनाए। रिंकू सिंह टीम में सबसे ज्यादा रन के मामले में 5वें नंबर पर हैं। लखनऊ सुपर जायंट्स और कोलकाता के मुकाबले में रिंकू सिंह ने 15 बॉल पर ताबड़तोड़ अंदाज में 40 रन जड़े, हालांकि वह टीम को जीत नहीं दिला सके। लेकिन पूरा क्रिकेट जगत ने उनकी जमकर तारीफ की। उनकी टीम 2 रन से हार गई। इस पारी में रिंकू सिंह ने 4 छक्के और दो चौके जमाए। रिंकू सिंह भारत के उभरते हुए खिलाड़ी हैं। हम आशा करते हैं कि आगे चलकर वह और भी अच्छा प्रदर्शन करेंगे और एक दिन भारतीय टीम का हिस्सा बनेंगे।

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